35. इस नगद सब्सिडी को देने का पैसा कहाँ से आएगा, जब आप टैक्स दर भी कम करने की बात करते हैं?
२००८ के आंकडों के हिसाब से यह सब्सिडी ४ लाख करोड़ की बनती है, जैसा की आप जानते हैं जागो पार्टी सरकार के दायरे से आवश्यक सेवाओ और कर्तव्यों को छोड़कर सभी कार्य निजी क्षेत्र में ले आएगी तो इस निजीकरण से पैसा आएगा,
इसके अलावा लगभग ८०% सरकारी कर्मचारियों/अधिकारीयों की ज़रूरत नही रह जाएगी, इससे बचने वाले पैसे से ही इस सब्सिडी को दिया जा सकता है (कुल २ करोड़ कर्मचारी का ८०% = १.६ करोड़ और प्रति कर्मचारी प्रति माह खर्च रु. २०,०००, सालाना २,४०,००० रु., दोनों का गुणा करने पर ३ लाख ८४ हज़ार करोड़ रु.)
दूसरे टैक्स दर कम करने से और मूलभूत सुविधाओं के विकास से उद्योग धन्दों में गति आएगी और अधिक रोज़गार उत्पन्न होंगे जिससे और अधिक लोग टैक्स जमा करेंगे, तो टैक्स दर कम करने का प्रभाव ज्यादा नही पड़ेगा.
(सरकारी कर्मचारियों के विषय में: यह छंटनी धीरे-धीरे की जाएगी, और यदि वो चाहें तो प्रशिक्षण देकर उनको निजी क्षेत्र में रोज़गार दिया जाएगा या फ़िर एच्छिक सेवानिवृत्ति ले लें. उनको समाज का एक उपयोगी सदस्य बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी और उनको दिनभर फाइल-धकियाने वाली ज़िन्दगी से मुक्ती दी जाएगी.)
जागो पार्टी हिन्दी वेबसाइट टाईटल-बार (बीटा) JAGO PARTY HINDI WEBSITE (BETA)
13 December 2008
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