05 January 2009

अंधेर नगरी . . .


(On The Recent Power Cut Plan of MP Electricity Distribution Companies.)

यदि कोई आपसे कहे, "देखिए साहब, आपके क्षेत्र में चोरियाँ बढती ही जा रही हैं इसलिए हमको यह थाना बंद करना पड़ेगा ! ", तो आप उससे क्या कहेंगे, यही न की वो मज़ाक कर रहा है | बन्धु नींद से जागिए, यह मज़ाक नही हमारी विद्युत वितरण कंपनियों की नई विद्युत कटौती नीति है जिसका क्रियान्वयन कल से शुरू हो गया है | जिस भी क्षेत्र में बिजली ज्यादा चोरी होगी उस क्षेत्र में उतनी ही ज्यादा कटौती होगी | अब अगर आप किसी झुग्गी-बस्ती के आसपास रहते हैं तो तैयार हो जाइए अपने पूर्वजों की तरह रहने के लिए | "चोरी बढ़ रही है तो थाना बंद", वाह साहब दुनिया में ऐसी नीति सिर्फ़ हमारे देश में ही देखने को मिल सकती है |

यह बानगी है उन अकर्मंड, गैर-जिम्मेदार किंतु बेहद चालाक अफसरों की जो एक नपुंसक सरकार को मूर्ख बनाकर हम सभी के और हमारे बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं और हम सभी कुछ नही कर पा रहे हैं | ज़रा सोचिए, जनरेटर और इनवर्टर की सुविधा से संपन्न वातानुकूलित आवासों में रहने वाले ये अफसर और मंत्री क्या हमें हो रहे नुकसान को समझ सकते हैं | क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या अमीर, क्या गरीब, क्या अस्पताल, क्या उद्योग-धंधे, क्या कृषि, क्या सूचना प्रौद्योगिकी, ऐसा एक क्षेत्र बता दीजिए जो इसपर आश्रित न हो, उसपर यह तुगलकी-फरमान जारी करने का क्या मतलब निकाला जाए |

ऐसा नही है की मध्य प्रदेश में बिजली की कमी है, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी (२००६ के) आंकडों पर अगर नज़र डाली जाए तो बात बिल्कुल साफ़ हो जाती है कि वितरण कम्पनियाँ अपना ठीकरा उपभोक्ताओं के सर फोड़ना चाहती हैं | कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आपके सामने रख रहा हूँ:
१. कुल उत्पादन क्षमता: लगभग ८००० मेगावाट.
२. कुल उपलब्धता: ५००० में.वा. + १८३० में.वा. = ६८३० में.वा.
३. रबी के दौरान मांग: ६९०० में.वा.
४. कुल उत्पादन (दस लाख यूनिट में): ३२२३२.
५. कुल बिक्री (दस लाख यूनिट में): १८०२२.
६. कुल नुकसान (दस लाख यूनिट में): १४२१०.
७. कुल नुकसान (कुल उत्पादन के प्रतिशत में): ४३%.
८. मीटरकृत विद्युत् कनेक्शन (कुल कनेक्शनों के प्रतिशत में): ८०%

अब इन आंकडों पर थोड़ा विचार-विमर्श:
पहला, कुल कुल उत्पादन क्षमता के लगभग ७२% तक आसानी से पहुँचा जा सकता है अगर उचित प्रबंधन किया जाए, पर उत्पादन ४८०० में.वा. से लेकर ५००० में. वा. के बीच झूलता रहता है | इसके अलावा कभी कोएले की कमी तो कभी तकनिकी खराबी उत्पादन को प्रभावित करते हैं, उचित रख-रखाव और प्रबंधन से यह कम किया जा सकता है |

दूसरा यह कि, रबी के दौरान भी मांग ६९०० में. वा. तक ही जाती है तो कमी सिर्फ़ ७० में.वा. की है जो आसानी से खरीदी जा सकती है | आप यह कहेंगे कि ये आंकडे तो २००६ के हैं अब २००९ शुरू हो गया है, मांग बढ़ भी तो सकती है, जी हाँ, पर इसका जवाब भी हमारी सरकार ने दिया है २००७-०८ के वित्तीय वर्ष में १४५० मेगावाट बिजली के उत्पादन बढ़ाने का ज़िक्र भी इन आंकडों में है |

तीसरा यह कि, तिरतालीस (४३%) फीसदी पारेषण और वितरण हानि (Transmission & Distribution Losses), यह इनकी अक्षमता को साबित करने के लिए काफ़ी है | हो सकता है राजनैतिक कारणों से इनके हाथ बंधे हों पर पूरे प्रदेश में आशा की एक किरण भी नही दिखाई देती, एक भी अफसर ईमानदार और अलग सोच वाला दिखाई नही देता , तो यह दोष पूर्णतः विद्युत् वितरण कंपनियों का ही है |

चौथा यह की, अगर ८०% उपभोक्ताओं की बिजली की खपत मीटर द्वारा नापी जाती है तो बाकी २०% लोगों की खपत का अंदाजा किस प्रकार लगाया जाता है और क्या यह २०% लोग इस तरह के कनेक्शन के लिए "पात्र" हैं और आज तक ये हम सभी को कितना "चूना" लगा चुके हैं |

पूर्व-राष्ट्रपति और विख्यात वैज्ञानिक श्री ऐ.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा है, "कोई भी राष्ट्र तब तक आधुनिक और विकसित होने का सपना नही देख सकता जब तक वह अपने नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली विद्युत् की अबाधित रूप से और सुलभता से उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित नही करता ! "

एक सदस्य के रूप में सभी को जागो पार्टी की नीतियों से अवगत कराना मेरा कर्तव्य है, तो इस विषय पर जागो पार्टी की नीतियों के मुख्य बिन्दु हैं (उपरोक्त सभी तथ्यों के अलावा):
१. विद्युत् क्षेत्र से सरकार का एकाधिकार ख़त्म करना.
२. राज्य में २४*७ बिजली सुनिश्चित करना.
३. ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्त्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा, बायोमास, आदि) से ऊर्जा का विकेंद्रीकरण, ऊर्जा के स्त्रोत जनता के पास, शहरों में बैठे हाकिमों पर निर्भरता ख़त्म.
४. पारेषण और वितरण हानियों (Transmission & Distribution Losses) में अधिकारियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित करना और तीन महीने के भीतर जांच और मामले का निपटारा, दोषी अफसरों को निलंबन या निष्कासन द्वारा तुंरत सजा देना.
५. चोरी पकड़ में आने पर या साबित होने पर कठोरतम कार्यवाही, जुर्माने के साथ अनिवार्य कारावास देने पर विचार.
६. पारेषण और वितरण हानियों (Transmission & Distribution Losses) को घटाकर ७-८ फीसदी करना.


बिजली, सड़क, पानी का नारा लगा लगा के देखी आज हमारे प्रदेश की क्या हालत कर दी है इन नेताओं ने | ६० साल बहुत लंबा समय है जो हमने इन नेताओं को दे दिया है, अब समय आ गया है की हम शासन की बागडोर ख़ुद संभालें, ख़ुद चलाएं अपने प्रदेश को, ख़ुद चलाएं अपने देश को और ख़ुद तय करें अपने भविष्य को |

आपका,
प्रच्छन्न विरोध,
(Latent Dissent)
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[Photo source: BBC, Click here to Visit!]

यहाँ पढ़ें कैसे ये अफसर २००६ के आंकडों का उपयोग २००९ में कर रहे हैं, यह "संकट" किसी बड़े ठेके का आगाज़ तो नही ? आगे आपकी मर्ज़ी !

03 January 2009

WANTED !


Competent, Honest and Responsible Indians who can contest Lok Sabha Elections 2009 and efficiently run the country.


Just think, Politics is the only field where even with minimum qualifications you can change the direction and the state of entire country.


So don’t lose this golden opportunity and stop blaming & cursing Politicians and Politics for the sorry state of affairs, Join Active Politics, Be the Change you want in the system. And after this please blame and curse your inaction and indifference and not politicians for the rot.


Issued in Public Interest by Jago Party Bhopal Chapter.

(www.jago.in) (www.jagobhopal.blogspot.com)

आवश्यकता है !



२००९ लोक सभा का चुनाव लड़ने और देश को चला सकने में सक्षम, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठभारतीयों की |


आप यह मौका न गवाएँ, क्योंकि राजनीति ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे कम से कम योग्यता होने पर भी आप पूरे देश की दिशा और दशा बदलने में समर्थ होते हैं |


तो अब नेताओं कोसना और गालियाँ देना बंद करें और शीघ्र जुडें सक्रिय राजनीति से, जो बदलाव आप देश में लाना चाहते हैं वोह ख़ुद करके दिखाएं, इसके बाद आप देश की दुर्दशा के लिए सिर्फ़ अपने आप को ही कोसिएगा और गालियाँ दीजिएगा |


जागो पार्टी भोपाल शाखा द्वारा जनहित में जारी |

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Official Newsroom :: JAGO Party