23. क्या आप समान नागरिक संहिता लागू करेंगे?
नही, सभी धर्मों के अपने-अपने पर्सनल कानून हैं और लोगों के निजी मामलों जैसे शादी, तलाक, आदि के लिए इन सभी को हटाकर नया कानून लगाना सही नही होगा.
पर, हम एक आधुनिक पर्सनल कोड लाएगे जो आपसी सहमती पर आधारित होगा, यह एक कांट्रेक्ट (अनुबंध) की तरह होगा और कोर्ट में मान्य होगा, सभी विवादों का हल इसी के आधार पर निकाला जाएगा, उदहारण के लिए शादी के लिए इस कोड में शादी के बाद खर्चों को किस प्रकार बांटा जाए, बच्चों का लालन-पालन किस प्रकार किया जाएगा, तालक किस सूरत में लिया जा सकेगा, तलाक के बाद बच्चों की ज़िम्मेदारी किसको मिलेगी आदि बातों का समावेश होगा. दंपत्ति को इस कोड पर आधारित अनुबंध को कोर्ट में रजिस्टर (पंजीकृत) कराना होगा, यदि वो ऐसा नही करते हैं तो शासन उनकी शादी को अमान्य मानेगा और उनको दो अलग व्यक्ति ही मानेगा.
व्यक्ति को इस बात की भी स्वतंत्रता होगी की वो किसी भी कोड को न अपनाए, पर अगर व्यक्ति नए कोड को अपनाता ह तो उसका धार्मिक कोड उसपर लागो नही होगा.
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13 December 2008
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