13 December 2008

FAQ 29

29. आप जजों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को कैसे रोकेंगे?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गए वैश्विक भ्रष्टाचार बैरोमीटर २००६ में ७७% भारतीयों ने माना की उनकी न्याय-पालिका में भ्रष्टाचार व्याप्त है और ३६% लोगों ने काम के बदले रिश्वत देने की बात स्वीकारी. इस परिपेक्ष में जागो पार्टी की प्रस्तावित योजना:
१. न्यायिक चयन प्रकिर्या एक स्वतंत्र चयन समिति द्वारा.
२. नियुक्तियों का आधार योग्यता, चयन के सभी नियम और मानदंड सार्वजानिक, केवल उन्ही उम्मीदवारों को शामिल किया जाएगा जिनकी क्षमता और इमानदारी का लंबा रिकार्ड हो.
३. स्थानान्तरण के मानदंड बिल्कुल स्पष्ट होंगे जिससे इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ लोगों को परेशान ना किया जा सके.
४. जजों के विरुद्ध लगाए आरोपों की सघन जांच एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा करवाई जाए.
५. जजों को हटाने की प्रक्रिया आसान की जाएगी और यह बिल्कुल पारदर्शी और निष्पक्ष, सख्त मानकों वाली होगी, अगर वहाँ भ्रष्टाचार पाया जाता है तो जज पर मुकदमा भी चलाया जाएगा.
६. जजों द्वारा दिए गए निर्णयों के स्तर को जांचने के लिए एक समिति होगी जो औचक निरिक्षण करके वस्तुस्थिति से सरकार और जनता को अवगत करावाएगी. यदि किसी जज के आदेशों या निर्णयों में न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन पाया जाता है तो उसपर तुंरत कार्यवाही होगी.
७. यदि अपील के दौरान आदेश/निर्णय को बदलना पड़ता है तो जज के ख़िलाफ़ भी कार्यवाही की जाएगी.
८. जजों के वेतन, पेंशन आदि बाज़ार-मूल्यों पर और उनके काम के अनुसार दिया जाएगा.
९. न्यायिक प्रक्रिया में जजों के विवेक से लिए गए निर्णयों को कम से कम करना और उसके स्थान पर सभी निर्णय और सजाएं कानून में बदलाव करके स्पष्ट करना.
१०. कानूनों और अधिनियम की जटिलता और अनेकानेक संबधित कानूनों के फ़ैसला किसी भी ओर मुदा जा सकता है इसके कारण भी भ्रष्टाचार बढ़ता है. कानून को सरल बनाया जाएगा.
११. जैसा पहले भी कहा जा चुका है, समाजवाद पर आधारित कानून की आड़ लेकर कई लोग व्यवसायों और निजी उद्योगों को नुक्सान पहुँचाना (सही तौर पर पैसे वसूलना) चाहते हैं, धंधे को ध्यान में रखकर कई व्यवसायी कोर्ट के बाहर समझौता करके अपनी जान छुडाते हैं, इस तरह के सभी कानूनों को हटा दिया जाएगा.

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