जागो पार्टी हिन्दी वेबसाइट टाईटल-बार (बीटा) JAGO PARTY HINDI WEBSITE (BETA)
11 December 2008
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब (1-22)
1. जागो पार्टी के पीछे कौन लोग हैं?
2. क्या जागो पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत है? क्या इसके प्रतीक, झंडा और चुनाव चिन्ह हैं?
हाँ. जागो पार्टी चुनाव आयोग द्वारा २८ जनवरी २००८ को पंजीकृत की गई है. चुनाव आयोग का पत्र तस्वीरें और दस्तावेज़ के तहत इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
जागो पार्टी का प्रतीक www.jago.in वेबसाईट के बाएँ शीर्ष कोने पर देखा जा सकता है, जागो पार्टी का ध्वज सफेद पृष्ठभूमि के मध्य में ऊपर वर्णित प्रतीक हैं. चुनाव चिन्ह चुनाव लड़ने से पहले घोषित कर दिया जाएगा.
3. पार्टी के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
4. क्या पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है?पार्टी में अधिकारियों का चयन कैसे होता है?
बेशक, जागो पार्टी को पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाता है. हमारे सक्रिय सदस्य पार्टी जिलाध्यक्ष का चुनाव करते हैं. और पार्टी जिलाध्यक्ष राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्षों का चुनाव करते हैं.
5. आपकी नीतियाँ और सुझाव तो अच्छे हैं पर क्या ऐसा किया जा सकता है?
हमारा मानना है की कार्य को असंभव मानकर अकर्मण्यों की तरह बैठे रहने से अच्छा है कुछ करते हुए ये संतोष पाना की हमने देश के लिए कुछ किया. वैसे आज हम जितनी भी चीज़ें देख रहे हैं वो कल असंभव मानी जाती थी पर अगर वो अविष्कारक और खोजकर्ता इन बातों को सुनकर अपना काम बंद कर देते तो क्या हमारा आज वैसा ही होता जैसा है नही. तो आप भी अपने मन से शंकाओं और डर को बहार भागकर देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए तैयार हो जाएँ.
6. पार्टी के धन के स्त्रोत क्या हैं? स्थापित पार्टियों द्वारा खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपयों का मुकाबला आप कैसे करेंगे?
वर्तमान में सक्रिय सदस्यों से 100 रु, 1000 या 5000 प्रतिवर्ष का सदस्यता शुल्क और सदस्यों द्वारा स्वैच्छिक योगदान धन का एकमात्र स्रोत हैं.
संस्थापक सदस्यों ने भी अपनी तरफ़ से राशि उपलब्ध करवाई है, और हमारे अन्य के मित्रों ने भी इसमे योगदान किया है. हम ऐसा मानते हैं की अगर कुछ करोड़ सच्चे भरतीय इस राष्ट्र नव-निर्माण आन्दोलन के साथ जुड़ जाएँ तो वित्त की समस्या ख़त्म हो जाएगी. एक और बात, दूसरी राजनैतिक पार्टियों की तरह पार्टी का वित्त-विवरण छुपा हुआ नही होगा, वह सभी के अवलोकन के लिए इन्टरनेट पर उपलब्ध होगा. (वित्त-विवरण देखने के लिए यहाँ क्लिक करें )
जहाँ तक अन्य पार्टियों द्वारा करोड़ों खर्च करने की बात है, हमारे सेवाभाव और निःस्वार्थ कार्य के सामने ये कुछ भी नही हैं.
7. पार्टी चुनावों में होने वाले खर्चों को कैसे पूरा करेगी?
वे लोग जो हमारी नीतियों से सहमत हैं और जागो पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें चुनावी-खर्चों को पूरा करने के लिए अपना पैसा खर्च करना होगा.
8. आप अपनी पार्टी को कैसे लोकप्रिय बना रहे हैं?
जागो पार्टी ने एक व्यापक अभियान लोगों को अपनी नीतियों के बारे में जागरूक करने के लिए शुरू किया है, इसके अलावा घर, कार्यालय और सामाजिक कार्यक्रमों में पार्टी पर चर्चा; ईमेल, सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे आर्कुट, पत्रिकाओं और टीवी में विज्ञापनों आदि से लोगों तक अपनी बात पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं.
9. मैं पार्टी का सदस्य कैसे बन सकता हूँ?
केवल अपना नाम, ईमेल, राज्य और शहर में पार्टी की वेबसाईट www.jago.in पर भरें और सबमिट (जमा) करें. आप तुरंत पार्टी के प्राथमिक सदस्य बन जाते हैं.
सक्रिय सदस्यता के लिए कुछ और जानकारी (जैसे जन्म, पता, फोन, योग्यता, पेशा आदि) भरकर वेबसाईट पर सबमिट (जमा) करें. सक्रिय सदस्यता, सदस्यता समिति द्वारा अनुमोदन का विषय है.
10. पार्टी के एक सदस्य की भूमिका क्या है?
एक प्राथमिक सदस्य पार्टी का समर्थन, पार्टी क संदेश अधिक से आशिक लोगों तक पहुँचाकर कर सकते हैं.
एक सक्रिय सदस्य इसके अलावा वार्षिक सदस्यता शुल्क का भुगतान करता है, विभिन्न स्तरों पर अध्यक्षों क चुनाव करता है, पार्टी की बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेता है और पार्टी की तरफ़ से चुनाव भी लड़ सकता है.
11. मैं सिद्धांत रूप में पार्टी की नीतियों का समर्थन करता हूँ पर मैं इसका सदस्य नही बन सकता. मैं पार्टी के लिए क्या कर सकता हूँ?
आप अब भी बहुत कुछ कर सकते हैं. आप लोगों के बीच जागो पार्टी के बारे में जागरूकता का प्रसार कर सकते हैं:
१. www.jago.in वेबसाईट पर सेम्पल ईमेल उपलब्ध है जिसको आप कॉपी-पेस्ट करके लोगों को भेज सकते हैं, इसके अलावा वेबसाईट पर SMS सेम्पल संदेश भी उपलब्ध है जिसका उपयोग भी आप कर सकते हैं.
२. प्रत्यक्ष रूप से आप अपने घर, आफिस या अन्य सामाजिक मौकों पर लोगों को जागो पार्टी के बारे में बता सकते हैं.
३. आप लोगों को जागो पार्टी को आर्थिक सहयोग देने के लिए भी प्रहोत्साहित कर सकते हैं.
12. क्या आप स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं?
नही. जागो पार्टी (चंद वोटों के लिए) स्थानीय/क्षेत्रीय मुद्दे नही उठाती, पर यदि सदस्यों को लगता है कि मुद्दा उठाया जाना चाहिए तो समाज-सेवा के उद्देश्य से, अपने संसाधनों को ध्यान में रखकर वो इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष उठा सकते है. अगर इसमें उनको पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ज़रूरत होगी तो वो मदद के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व को लिख सकते हैं.
अगर पार्टी को लगता है कि किसी स्थानीय/क्षेत्रीय मुद्दे के राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव होंगे और पार्टी के पास मुद्दे को उठाने के लिए पर्याप्त जन-समर्थन है तो पार्टी स्वयं ही मुद्दे को उठाएगी और उसको परिणाम तक पहुंचाएगी.
13. आप सभी को नौकरी कैसे देंगे?
हमारा मानना है कि दुनिया में नौकरियों की नही अच्छी तरह शिक्षित और प्रशिक्षित लोगों की कमी है, नित नए रोज़गार के अवसर बन रहे हैं, नई नई सेवाओं और उद्योगों की नींव रखी जा रही है इन सभी में बढ़िया मानव संसाधनों की ज़बर्ज़स्त कमी है.
और इस कमी को पूरा करने के लिए हमें सही स्कूलों, कालेजों और प्रसिक्षण केन्द्रों की ज़रूरत है, हमारी शिक्षा को और रोजगारोन्मुखी बनने की ज़रूरत है. व्यवसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भी समय के अनुरूप बदलावों की ज़रूरत है. साथ ही हमें साथ सरकारी स्कूलों के परिणामो पर भी ध्यान देना चाहिए और इनको बंद करके उस पैसे से सभी बच्चों को गैर-सरकारी (प्राइवेट) स्कूलों में अंग्रेज़ी मध्यम से पढाया जाना चाहिए.
मानव संसाधनों के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं का विकास भी आवश्यक है, जिसका निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर किया जाएगा. इससे भ्रष्टाचार और लाल-फीताशाही पर लगाम लगेगी और नए उद्योग-धंधों के लगने के कारण टैक्स आमदनी भी बढेगी.
14. अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर जागो पार्टी का रुख क्या है?
ऐतिहासिक कारणों से वहाँ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अविश्वास पैदा हुआ है, और ये तभी दूर होगा जब लोग इतिहास को भुलाकर अपने वर्तमान और भविष्य पर ध्यान दें, सभी साथ मिलकर बैठे और सारे विवाद, सारे गिले शिकवे हमेशा के लिए दूर कर लें, अदालत के निर्णय को स्वीकारना भी एक समाधान हो सकता है.
15. आप हमारी शिक्षा प्रणाली में अंग्रेज़ी माध्यम से शिक्षा के अलावा और क्या बदलाव लाना चाहते हैं? क्या अंग्रेज़ी माध्यम से शिक्षा देने से हमारी संस्कृति खतरे में नही पड़ जाएगी?
सारे शासकीय स्कूलों का निजीकरण किया जाएगा और सभी छात्र किसी भी स्कूल में दाखिला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे. छात्रों का सारा (स्कूली) खर्चा सरकार वहन करेगी. पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम होगा और एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा. पढ़ाई में इस बात पर ज्यादा ध्यान होगा कि छात्र क्या सीख रहा है, क्या उसे यह पसंद है, क्या उसकी सोचने और समझने की क्षमता का विकास हो रहा है कि नही, न कि वो रटने में कितना अच्छा है.
उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को बहुत कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा जो नौकरी लगने के बाद ही चुकाया जाएगा. गरीब और मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां दी जाएंगी, निजी क्षेत्र द्वारा प्रायोजित शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाएगा जिससे छात्र उस उद्योग से संबधित ज्ञान प्राप्त करके वहाँ आसानी से नौकरी प्राप्त कर सकें.
हालाँकि अंग्रेज़ी माध्यम अनिवार्य होगा, उसके साथ-साथ एक स्थानीय भाषा भी पढ़ाई जाएगी. अंग्रेज़ी माध्यम से पढने का मतलब अंग्रेज़ी संस्कृति का अध्ययन नही है, अंग्रेज़ी भाषा आज की ज़रूरत है और इसको अच्छी तरह सीखने से हमारी युवा-पीढी को रोज़गार प्राप्त करने में दिक्कत नही होगी.
16. आरक्षण के किन प्रावधानों को आप हटाना चाहते हैं? इस मुद्दे पर वर्तमान कानूनी स्थिति क्या है?
भारतीय संविधान के मूल रूप में केवल अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान था और यह सिर्फ़ दस वर्षों के लिए था यह केवल निर्वाचित निकायों में राजनीतिक प्रतिनिधित्व, सार्वजनिक रोजगार, और शासकीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर मान्य/लागू था.
इस योजना को हर दस साल के बाद संविधान संशोधन द्वारा आगे बढाया जाता रहा, अनुसूचित जातियों के लिए १५ % और अनुसूचित जनजातियों के लिए ७.५ % आरक्षण शासकीय सेवाओं, केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं और निर्वाचित निकायों में दिया गया. इस २२.५ (साढे बाईस) फीसदी आरक्षण को कालांतर में बढाकर ४९.५ % कर दिया गया, कुछ राज्यों में तो यह इससे भी अधिक है जैसे तमिलनाडु में यह ६९ % है, आंध्र प्रदेश में ४ % आरक्षण मुस्लिमों के लिए भी है (अनु. जा. एवं जन.जा. और अ.पि.व. के अलावा).
वर्तमान स्थिति: सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा ५०% तय कर दी है,और इसके ऊपर किए गए आरक्षण को संविधान के मूल स्वरुप के विरुद्ध माना है. तमिलनाडु की सरकार ने इस आदेश से बचने के लिए अपने आरक्षण अधिनियम को संविधान की ९ वी अनुसूची में शामिल कर दिया है, ज्ञात हो कि ९ वी अनुसूची में मौजूद किसी भी अधिनियम की समीक्षा किसी भी कोर्ट द्वारा नही की जा सकती है.(हालाँकि २००७ के एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ९ वी अनुसूची की समीक्षा कोर्ट द्वारा की जा सकती है, पर वह किसी अधिनियम की संविधान के मूल स्वरुप से अनुरूपता सुनिश्चित करने के लिए ही की जा सकती है.)
१० अप्रैल २००८ के एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में २७% आरक्षण को वैध माना पर यह साथ ही यह भी कहा की इस आरक्षण का लाभ अ.पि.व. की 'क्रीमी-लेयर' को न दिया जाए.
अनु.जा./अनु.ज.जा./अ.पि.व. का देश की जनसंख्या में प्रतिशत:
भारतीय जनगणना में केवल अ.जा. और अ.ज.जा. के आंकड़े इकठ्ठा किए जाते हैं. वर्तमान में दोनों को मिलाकर जनसंख्या में कुल प्रतिशत २४.४% है.
१९३१ के बाद से जाति से संबधित आंकड़े गैर-अ.जा./अ.ज.जा. लोगों से इकठ्ठे नही किए गए, यही १९३१ जनगणना मंडल आयोग द्वारा अ.पि.व. की जनसंख्या का आधार बनी, और भारत में अ.पि.व का प्रतिशत ५२% माना गया.
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण ने १९९९-२००० में किए सर्वे के आधार पर अ.पि.व. की संख्या देश की जनसंख्या का ३६% मानी है, अगर इसमे से मुस्लिम अ.पि.व. को हटा दिया जाए तो यह संख्या ३२% हो जाती है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य मिशन के एक सर्वे के अनुसार यह २९.८% है.
इस आरक्षण के अलावा संसद में महिला आरक्षण बिल भी लाया जा रहा है जिससे संसद और राज्य विधायिकाओं में ३३% सीटों का आरक्षण महिलाओं के लिए करने का प्रावधान है.
जागो पार्टी हर प्रकार के आरक्षण के ख़िलाफ़ और उसे जड़ से उखाड़ना चाहती है , चाहे वो जाति के आधार पर हो या धर्म के या लिंग के या फ़िर रहने के स्थान के आधार पर.
17. कुछ जातियों के साथ सदियों से भेदभाव होता आया है, आरक्षण नीति इस भेदभाव द्वारा पैदा हुई खाई को पाटने के लिए लाई गई थी आप इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
ये सही है की इन जातियों के साथ भेदभाव हुआ है, और जाति व्यवस्था को जो सामाजिक और सांस्कृतिक समर्थन प्राप्त था उसका खात्मा भारत के आजाद होने के बाद ही हो जाना चाहिए था. मूल्य-आधारित रोजगारोन्मुखी शिक्षा बहुत आसानी से इससे निपट सकती थी और समाज भी जाति-व्यवस्था का विरोध करके इसका समर्थन कर सकता था. पर समाज के सबसे बड़े पैरोकार, हमारे नेताओं ने आसान रास्ता चुनते हुए आरक्षण से जाति-व्यवस्था को स्थायी रूप दे दिया. इन लोगों ने ये अफवाह भी फैला दी की निचली जातियों को न्याय तभी मिलेगा जब उनको आरक्षण मिलेगा, कुछ नेताओं ने तो यहाँ तक कह दिया की प्राइवेट (निजी) क्षेत्र में भी आरक्षण किया जाए!
किसी भी राष्ट्र का विकास तब तक नही हो सकता जब तक वहाँ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और योग्यता को समान नही दिया जाता, इस सस्ती वोट-बैंक राजनीति ने हमारे युवाओं के मनोबल को बहुत नीचे गिरा दिया है, हम सभी ने सुना है कि किस प्रकार भारतीयों ने पूरी दुनिया में झंडे गाडे हैं फ़िर अपने देश में ऐसा क्या हो जाता है कि हम वो करिश्मा भारत में नही कर पाते?
इस नीति कि सबसे बड़ी खामी यह है कि दो योग्य व्यक्तियों को यह एक साथ नही करती पर अलग-अलग कर देती है, और ध्यान मूलभूत बदलाव का नही है बल्कि वोट जुगाड़ने का है वरना शुरुआत होती प्राथमिक शिक्षा से न कि उच्च शिक्षा या सरकारी सेवाओ से (कुल २ करोड़ पदों में से १ करोड़ आरक्षित), जो अधिक से अधिक केवल २% जनसंख्या को ही फायदा पहुँचा सकती हैं, बाकी बचे ९८% लोगों के बारे में कोई नही सोचता और पूछता (अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व. की कुल जनसंख्या लगभग ६० करोड़ भारत की जनसंख्या १०० करोड़).
इसलिए जागो पार्टी आरक्षण के ख़िलाफ़ है, पर शिक्षा/प्रशिक्षण के लिए हम सभी को अधिक से अधिक सहायता देने के पक्षधर हैं, जिससे हर व्यक्ति के लिए समान अवसर और माहौल हो आगे उसकी योग्यता और मेहनत. इससे न सिर्फ़ ज़रूरतमंदों की असल में मदद होगी पर साथ ही राष्ट्र की प्रगति भी होती जाएगी और पूर्व में की गई गल्तियों का सुधार भी होगा.
18. देश की लगभग 70-80% आबादी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग है. यदि आप आरक्षण का विरोध करेंगे तो ये लोग आपका समर्थन नही करेंगे, तब आप चुनाव कैसे जीतेंगे?
भारत में आरक्षित वर्गों की संयुक्त जनसंख्या (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग) 60% के आसपास है. तो भले ही ये 60% हमारे खिलाफ जाता है, यह सभी मौजूदा राजनीतिक दलों के बीच विभाजित होगा (जैसे कांग्रेस, भाजपा, बसपा, सपा आदि),वहीं हमें अनारक्षित श्रेणियों से 40% ठोस वोट मिल जाएंगे जो सरकार बनने के लिए पर्याप्त से अधिक है. कांग्रेस को 2004 के लोकसभा चुनावों में सिर्फ 15% मत मिले थे और वह सत्ता में आ गए थे.
इसके अलावा आरक्षित वर्गों के शिक्षित लोग भी हमें समर्थन देने आगे आए हैं, उनके भी ये समझ में आ गया है की सिर्फ़ २% लोगों से पूरी जाति का भला कभी नही होगा और इस २% को कौन लोग हज़म कर रहे हैं (उनकी जाति के 'क्रीमी-लेयर' नेता, मिनिस्टर, उच्च अधिकारी, अमीर और पढ़े लिखे लोग, आदि).
जागो पार्टी सभी को समान शिक्षा और अवसर देना चाहती है, आप ही सोचिये अंग्रेज़ी मध्यम में उच्च शिक्षा प्राप्त एक गरीब घर का लड़का जिसके पास नौकरियों के कई अवसर हैं बेहतर है या आज का आरक्षित वर्ग का युवा? क्या वो नवयुवक आरक्षण को समर्थन देगा जिसने उसे कुछ नही दिया या उस नीति को जिससे वो जीवन में कुछ करके आगे बढ़ पाया कुछ बन पाया .
19. आतंकवाद से लड़ने के लिए आपको पोटा जैसा क़ानून क्यों चाहिए?
ऐसा कानून पुलिस और न्याय-पालिका को सशक्त बनाता है जो आतंकवादियों से लड़ने के लिए ज़रूरी है. पहला, आतंकवादियों को और उनको संरक्षण देने वाले / हथियार उपलब्ध कराने वालों को आसानी से फाँसी/उम्रकैद दी जा सकती है, दूसरा, संदिग्ध गतिविधियों पर करीब से नज़र राखी जा सकती है और संदिग्ध बातचीत टेप करके कोर्ट में साक्ष्य के रूप में मान्य की जा सकती है, तीसरा, पुलिस के समक्ष दिया गया इकबालिया बयान कोर्ट में मान्य होगा, और गवाहों की जानकारी गोपनीय राखी जा सकेगी. संदिग्धों को १८० दिन की हिरासत में पुलिस रखने में सक्षम होगी.
इन सभी बातों से आतंकवादियों को समझ में आ जाएगा कि भारत में आतंकी गतिविधियां सहन नही की जाएंगी. जागो पार्टी तो इस कानून को और सख्त बनाना चाहती है इसके कुछ अन्य प्रावधान हैं जैसे कैमरे के समक्ष अदालती कार्यवाही, ३ महीने में फ़ैसला, केवल एक अपील और आतंकवादियों को और उनको संरक्षण देने वाले / हथियार उपलब्ध कराने वालों को फाँसी.
20. क्या गारंटी है कि सत्ताधारी पार्टी द्वारा इस कानून का राजनैतिक स्वार्थों के लिए दुरूपयोग नही होगा?
इस तरह के सभी कानूनों में दुरूपयोग रोकने के प्रावधान होने चाहिए, पोटा में भी इस तरह के कई प्रावधान थे पर उसका दुरूपयोग किया गया, पर हम इन दुरूपयोग करने वाले को दोष नहीं दे रहे पर कानून को दे रहे हैं, क़ानून को लागो किया जाता है, उसका पालन होता है, वो ख़ुद कुछ नही करता, अब ये लोगों के ऊपर है, सत्ताधारी पार्टी के ऊपर ज़िम्मेदारी है कि वो इसको किस तरह से लेते हैं, हम एक्सीडेंट के डर से कारों, ट्रेनों में बैठना तो बंद नही करते तो फ़िर क्यों हम हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों विरोध करते हैं, जोग लोग इस ज़िम्मेदारी को नही निभा सकते उन्हें सत्ता से दूर क्यों नही कर देते?
21. आप पुलिस को और अधिक शक्तियां देने के पक्षधर क्यों हैं?
दुबई में अपराध दर शून्य है इसका कारण मुख्य रूप से पुलिस और त्वरित न्याय का डर है. भारत में इस समय कानून और न्याय-प्रक्रिया पूरी तरह से अपराधियों के पक्ष में हैं. अगर अपराधी निर्दोष लोगों या फ़िर पुलिसवालों को जान से मार दें तो कोई नही पूछता पर यदि पुलिस किसी कुख्यात अपराधी को मार दे तो पूरा मीडिया और मानवाधिकार समूह पुलिस के ख़िलाफ़ उठ खड़े होते हैं.
केसों के फैसले २०-२० सालों में आते हैं, तब तक अपराधी खुले घूमते हैं और नए अपराध करते हैं, और अपनी जुर्मों की सजा कभी नही पाते, अपराधी को पकड़ने के २४ घंटे के भीतर उसको कोर्ट में पेश करना पड़ता है, जिससे ठीक तरीके से पूछताछ तक नही हो पाती, कुछ दिनों पहले ही नागपुर में एक 'व्यक्ति' बलात्कार के १८ मामलों में ज़मानत लेकर आजाद घूमता रहा, पुलिस कुछ नही कर पाई, फ़िर उस इलाके की महिलाओं ने ही उसको मार डाला वो भी कोर्ट परिसर में, आदतन अपराधियों के लिए ज़मानत बहुत कठिन होनी चाहिए.
पुलिस को और शक्तियां देकर और बेहतर प्रशिक्षण देकर हम भारत को सचमुच एक सुरक्षित जगह बना सकते हैं.
22. कश्मीर समस्या पर आपका रुख क्या है?
कश्मीर के अधिकाँश लोग शान्ति और आर्थिक समृद्धि चाहते हैं. केवल कुछ मौकापरस्त नेता ही अलगाव और आज़ादी की बात करते हैं और आतंकवाद का समर्थन करते हैं. इससे मजबूती के साथ निपटा जाना चाहिए, अनुच्छेद ३७० को हटाकर जम्मू-कश्मीर को अन्य सभी राज्यों की तरह भारत का अभिन्न अंग होने की मान्यता देनी चाहिए. धार्मिक और राजनैतिक तुष्टिकरण को पूरी तरह से ख़त्म किया जाना चाहिए, सरकार को सभी के साथ बराबरी का और समान व्यवहार करना चाहिए. सशस्त्र बलों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ की गई ज्यादतियों, यदि कोई हो, को भी सख्ती से रोकना होगा.
पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में फैलाए गए आतंकवाद को दुनिया के सामने लाना होगा और इसके ख़िलाफ़ कठोरतम कदम उठाने होंगे.
प्रश्न संख्या २३-४३ के लिए यहाँ क्लिक करें !
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
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१. विशेषाधिकार प्राप्त सदस्यता: यदि आप चार पहिया गाड़ी के मालिक हैं तो आपके लिए विशेषाधिकार प्राप्त सदस्यता आदर्श रहेगी. इसका सदस्यता शुल्क एक वर्ष के लिए पाँच हज़ार रुपये (रु. ५०००/-) है.
२. दाता सदस्यता: यदि आप दो पहिया गाड़ी के मालिक हैं तो आपके लिए दाता सदस्यता आदर्श रहेगी. इसका सदस्यता शुल्क एक वर्ष के लिए एक हज़ार रुपये (रु. १०००/-) है.
३. सक्रिय सदस्यता: अन्य सभी मित्रों के लिए सक्रिय सदस्यता है जिसका वार्षिक शुल्क एक सौ रुपये मात्र (रु. १००/-) है.
ये विभिन्न श्रेणियों विशुद्ध रूप से वैकल्पिक हैं. ये सदस्यों की वित्तीय क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए और पार्टी के लिए फंड इकठ्ठा करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं.
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१. विशेषाधिकार प्राप्त सदस्यता: यदि आप चार पहिया गाड़ी के मालिक हैं तो आपके लिए विशेषाधिकार प्राप्त सदस्यता आदर्श रहेगी. इसका सदस्यता शुल्क एक वर्ष के लिए पाँच हज़ार रुपये (रु. ५०००/-) है.
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ये विभिन्न श्रेणियों विशुद्ध रूप से वैकल्पिक हैं. ये सदस्यों की वित्तीय क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए और पार्टी के लिए फंड इकठ्ठा करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं.
जागो पार्टी प्रिंट मीडिया में
चंडीगढ़ प्रेस सम्मेलन दिनांक 6-12-2008 को आयोजित
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: 27/11/2008 से 5 /12/2008
जागो पार्टी भ्रष्टाचार और आरक्षण पर: 29/11/2008 से 3/12/2008
कोटा प्रेस सम्मेलन दिनांक 25-11-2008 को आयोजित
बिहार समाचार 23/24.11.2008 दिनांकित
उदयपुर प्रेस सम्मेलन 24-11-2008 को आयोजित
जोधपुर प्रेस सम्मेलन 23-11-2008 को आयोजित
जोधपुर आरक्षण के खिलाफ रैली 22-11-2008 दिनांकित
अजमेर प्रेस सम्मेलन 22-11-2008 को आयोजित
जयपुर प्रेस सम्मेलन 21-11-2008 को आयोजित
जागो पार्टी के उम्मीदवारों के बारे में जयपुर का स्थानीय प्रेस: दिनांक 18-11-2008
देहरादून में जागो: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: दिनांक 18-11-2008
बिहार में उर्दू प्रेस कवरेज 18-11-2008 दिनांकित
जयपुर समाचार 17-11-2008 दिनांकित
बिहार में प्रेस कवरेज 17-11-2008 दिनांकित
जयपुर प्रेस सम्मेलन दिनांक 11-11-2008 को आयोजित
बिहार उर्दू प्रेस: दिनांक 4 / 5 -11-2008
आज मुजफ्फरपुर: दिनांक 26.10.2008
सन्मार्ग, पटना: दिनांक 21-10-2008
दैनिक जागरण, पटना: दिनांक 21.10.2008
आतंकवाद के खिलाफ उत्तराखंड में हस्ताक्षर अभियान: दिनांक 19/20-10-2008
उर्दू प्रेस कवरेज पटना में:दिनांक 17.10.2008
उत्तराखंड में आतंकवाद के खिलाफ मोमबत्ती रैली: दिनांक 16-10-2008
कोटा में रक्तदान: दिनांक 13.10.2008
बिहार उर्दू समाचार पत्रों : दिनांक 12-10-2008
दिल्ली प्रेस कवरेज: दिनांक 30-09-2008
अंबाला प्रेस कवरेज: दिनांक 28-09-2008
प्रेस से भेंट और कोटा से अन्य समाचारपत्र : दिनांक 23-09-2008
राजस्थान समाचार: दिनांक 20-09-2008
जोधपुर रैली: दिनांक 19.09.2008
जोधपुर सार्वजनिक बैठक: दिनांक 18.09.2008
चंडीगढ़ समाचार: दिनांक 15-09-2008
हरियाणा समाचार: दिनांक 15-09-2008
दैनिक भास्कर: दिनांक 13-09-2008
द वीक: दिनांक 13-09-2008
डीएनए: दिनांक 13-09-2008
दैनिक भास्कर: दिनांक 01-09-2008
पंजाब केसरी: दिनांक 01-09-2008
जागो राष्ट्रीय संगोष्ठी, दिल्ली तस्वीरें: दिनांक 24-08-2008
समाचार बिहार प्रेस में: दिनांक 16-08-2008
महाराष्ट्र टाइम्स (मराठी): दिनांक 05-08-2008
जगत लहर, पंजाबी: दिनांक 10-07-2008
इंडिया टुडे विज्ञापन (हिन्दी): दिनांक 28-05-2008
इंडिया टुडे विज्ञापन (अंग्रेज़ी): दिनांक 26-05-2008
हिन्दुस्तान टाइम्स: दिनांक 19-05-2008
जागो पार्टी बंगलौर में: दिनांक 10-05-2008
जागो पार्टी दिल्ली में: दिनांक 04-05-2008
बंगलौर (2) में विज्ञापन होर्डिंग: दिनांक 19-04-2008
बैंगलोर (1) में विज्ञापन होर्डिंग: दिनांक 17-04-2008
समाचार प्रकाशन, समाचार प्रसारण या मीडिया साक्षात्कार पर यदि आपका कोई प्रश्न हो तो आप संपर्क कर सकते हैं:
श्री दीपक मित्तल - राष्ट्रीय अध्यक्ष - 09393082312 - jagoparty@jago.in
श्री अवधेश कुमार सिंह - मीडिया संबंध समन्वयक - 09324683708 - awadhesh.jagoparty@gmail.com; singhakumar@hotmail.com
सुश्री शैफाली वेद - राष्ट्रीय मीडिया कार्यकारी - 09828745044 - shaifali7170@yahoo.co.in
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: 27/11/2008 से 5 /12/2008
जागो पार्टी भ्रष्टाचार और आरक्षण पर: 29/11/2008 से 3/12/2008
कोटा प्रेस सम्मेलन दिनांक 25-11-2008 को आयोजित
बिहार समाचार 23/24.11.2008 दिनांकित
उदयपुर प्रेस सम्मेलन 24-11-2008 को आयोजित
जोधपुर प्रेस सम्मेलन 23-11-2008 को आयोजित
जोधपुर आरक्षण के खिलाफ रैली 22-11-2008 दिनांकित
अजमेर प्रेस सम्मेलन 22-11-2008 को आयोजित
जयपुर प्रेस सम्मेलन 21-11-2008 को आयोजित
जागो पार्टी के उम्मीदवारों के बारे में जयपुर का स्थानीय प्रेस: दिनांक 18-11-2008
देहरादून में जागो: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: दिनांक 18-11-2008
बिहार में उर्दू प्रेस कवरेज 18-11-2008 दिनांकित
जयपुर समाचार 17-11-2008 दिनांकित
बिहार में प्रेस कवरेज 17-11-2008 दिनांकित
जयपुर प्रेस सम्मेलन दिनांक 11-11-2008 को आयोजित
बिहार उर्दू प्रेस: दिनांक 4 / 5 -11-2008
आज मुजफ्फरपुर: दिनांक 26.10.2008
सन्मार्ग, पटना: दिनांक 21-10-2008
दैनिक जागरण, पटना: दिनांक 21.10.2008
आतंकवाद के खिलाफ उत्तराखंड में हस्ताक्षर अभियान: दिनांक 19/20-10-2008
उर्दू प्रेस कवरेज पटना में:दिनांक 17.10.2008
उत्तराखंड में आतंकवाद के खिलाफ मोमबत्ती रैली: दिनांक 16-10-2008
कोटा में रक्तदान: दिनांक 13.10.2008
बिहार उर्दू समाचार पत्रों : दिनांक 12-10-2008
दिल्ली प्रेस कवरेज: दिनांक 30-09-2008
अंबाला प्रेस कवरेज: दिनांक 28-09-2008
प्रेस से भेंट और कोटा से अन्य समाचारपत्र : दिनांक 23-09-2008
राजस्थान समाचार: दिनांक 20-09-2008
जोधपुर रैली: दिनांक 19.09.2008
जोधपुर सार्वजनिक बैठक: दिनांक 18.09.2008
चंडीगढ़ समाचार: दिनांक 15-09-2008
हरियाणा समाचार: दिनांक 15-09-2008
दैनिक भास्कर: दिनांक 13-09-2008
द वीक: दिनांक 13-09-2008
डीएनए: दिनांक 13-09-2008
दैनिक भास्कर: दिनांक 01-09-2008
पंजाब केसरी: दिनांक 01-09-2008
जागो राष्ट्रीय संगोष्ठी, दिल्ली तस्वीरें: दिनांक 24-08-2008
समाचार बिहार प्रेस में: दिनांक 16-08-2008
महाराष्ट्र टाइम्स (मराठी): दिनांक 05-08-2008
जगत लहर, पंजाबी: दिनांक 10-07-2008
इंडिया टुडे विज्ञापन (हिन्दी): दिनांक 28-05-2008
इंडिया टुडे विज्ञापन (अंग्रेज़ी): दिनांक 26-05-2008
हिन्दुस्तान टाइम्स: दिनांक 19-05-2008
जागो पार्टी बंगलौर में: दिनांक 10-05-2008
जागो पार्टी दिल्ली में: दिनांक 04-05-2008
बंगलौर (2) में विज्ञापन होर्डिंग: दिनांक 19-04-2008
बैंगलोर (1) में विज्ञापन होर्डिंग: दिनांक 17-04-2008
समाचार प्रकाशन, समाचार प्रसारण या मीडिया साक्षात्कार पर यदि आपका कोई प्रश्न हो तो आप संपर्क कर सकते हैं:
श्री दीपक मित्तल - राष्ट्रीय अध्यक्ष - 09393082312 - jagoparty@jago.in
श्री अवधेश कुमार सिंह - मीडिया संबंध समन्वयक - 09324683708 - awadhesh.jagoparty@gmail.com; singhakumar@hotmail.com
सुश्री शैफाली वेद - राष्ट्रीय मीडिया कार्यकारी - 09828745044 - shaifali7170@yahoo.co.in
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
भारत का नेतृत्व करें,चुनाव लड़ें
जागो पार्टी शिक्षित और मध्यम वर्ग के लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है. निचले तबके के लोगों ने भी हमारी मुफ्त अंग्रेज़ी मध्यम शिक्षा और ६०० रु. प्रति माह स्कीम का स्वागत किया है. हमने विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों को छांटना शुरू कर दिया है. जागो पार्टी की तरफ़ से चुनाव लड़ने के लिए, आपको निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना चाहिए:
1) आप जागो पार्टी की नीतियों में विश्वास करते हों.
(2) आपकि आयु 25 वर्ष हो.
(3) आपके ख़िलाफ़ किसी भी अदालत में आपराधिक मुकदमा न दर्ज हो/ चल रहा हो..
(4) आप चयनित निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अभियान चलाने में सक्षम हों.
(5) हम दो या उससे कम बच्चों वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देंगे. लेकिन यह अनिवार्य नहीं है.
तो क्या आप तैयार हैं भारत का नेतृत्व करने के लिए? निम्नलिखित फार्म को प्रिंट करके और पूर्ण रूप से भरकर पार्टी प्रधान कार्यालय को भेज दें.
विधानसभा चुनाव
संसदीय चुनाव
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
1) आप जागो पार्टी की नीतियों में विश्वास करते हों.
(2) आपकि आयु 25 वर्ष हो.
(3) आपके ख़िलाफ़ किसी भी अदालत में आपराधिक मुकदमा न दर्ज हो/ चल रहा हो..
(4) आप चयनित निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अभियान चलाने में सक्षम हों.
(5) हम दो या उससे कम बच्चों वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देंगे. लेकिन यह अनिवार्य नहीं है.
तो क्या आप तैयार हैं भारत का नेतृत्व करने के लिए? निम्नलिखित फार्म को प्रिंट करके और पूर्ण रूप से भरकर पार्टी प्रधान कार्यालय को भेज दें.
विधानसभा चुनाव
संसदीय चुनाव
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
चक दे कैबिनेट
हमारा मंत्रिमंडल एक भारतीय टीम होगा, नाकि एक गणतंत्र दिवस परेड जहां सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व होना ही चाहिए. आज तो स्थिति यह है कि कई रक्षा मंत्रियों को तो यह तक पता नहीं है कि क्या सेना का एक मेजर सीनियर/वरिष्ठ है या एक कप्तान सीनियर/वरिष्ठ ! कई केंद्रीय मंत्री केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र / राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं. उनमें से कुछ को अपने जिले के / जाति के ही लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं.
जागो पार्टी सबसे अच्छी तकनीकी योग्यता प्राप्त व्यक्ति का ही चुनाव मंत्रालयों को नेतृत्व देने के लिए करेगी. उदाहरण के लिए, किरण बेदी या के पी एस गिल जैसे व्यक्ति को गृह मंत्रालय; डॉ. ई. श्रीधरन जैसे व्यक्ति को रेल मंत्रालय दिया जाएगा. हमारे लिए भारत का विकास सर्वोपरि है न कि पदों का बंटवारा या व्यक्तियों का शक्ति-संतुलन.
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
जागो पार्टी सबसे अच्छी तकनीकी योग्यता प्राप्त व्यक्ति का ही चुनाव मंत्रालयों को नेतृत्व देने के लिए करेगी. उदाहरण के लिए, किरण बेदी या के पी एस गिल जैसे व्यक्ति को गृह मंत्रालय; डॉ. ई. श्रीधरन जैसे व्यक्ति को रेल मंत्रालय दिया जाएगा. हमारे लिए भारत का विकास सर्वोपरि है न कि पदों का बंटवारा या व्यक्तियों का शक्ति-संतुलन.
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
केवल दो रुपये खर्च करें, भारत को नया बनायें !
केवल दो रुपये खर्च करें, भारत को नया बनायें !
जब भी आप कहीं अपराध, भ्रष्टाचार या भेदभाव होते हुए देखें कुछ पोस्टकार्ड इस बारे में लिखकर स्थानीय समाचार पत्रों, टीवी समाचार चैनलों संबंधित सरकारी विभागों के प्रमुखों और जागो पार्टी को भेज दें. याद रखें कि केवल मौखिक विरोध काम नही करता उसके साथ-साथ लिखित शिकायत भी ज़रूरी है. अगर आप अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं तो गुमनाम रूप से भी पत्र लिख सकते हैं.
याद रखें: छोटे से छोटा कृत्य भी बड़ी से बड़ी मंशाओं से कहीं अच्छा होता है.
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
जब भी आप कहीं अपराध, भ्रष्टाचार या भेदभाव होते हुए देखें कुछ पोस्टकार्ड इस बारे में लिखकर स्थानीय समाचार पत्रों, टीवी समाचार चैनलों संबंधित सरकारी विभागों के प्रमुखों और जागो पार्टी को भेज दें. याद रखें कि केवल मौखिक विरोध काम नही करता उसके साथ-साथ लिखित शिकायत भी ज़रूरी है. अगर आप अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं तो गुमनाम रूप से भी पत्र लिख सकते हैं.
याद रखें: छोटे से छोटा कृत्य भी बड़ी से बड़ी मंशाओं से कहीं अच्छा होता है.
(Translated by Jago Party's Bhopal Chapter)
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