25. व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा देने से समाज में अनैतिकता नही बढेगी?
यदि दो वयस्क आपसी सहमति से कुछ करना चाहते हैं तो समाज और सरकार का कोई हक नही बनता की उन्हें रोकें, सभी को अपने हिसाब से रखने की छूट हो जब तक वो किसी नुकसान नही पहुंचाते. व्यक्तिगत पसंद-नापसंद पर नैतिकता थोपना सही नही है, अनैतिकता का सवाल तभी उठता है जब किसी कम को ज़ोर-ज़बरजस्ती से करवाया गया है या धोखे से.
अगर कोई व्यक्ति पैसा कमाने के लिए स्वेच्छा से सेक्स बेचना चाहते हैं और कोई उसको खरीदना चाहता है, तो ये उनका मामला है, दूसरों को अधिकार नही है कि अपने मूल्य दूसरों पर लादें. पर अगर कोई ज़बरजस्ती किसी से वेश्यावृत्ति करवाना चाहता है तो वह एक अपराध होगा और सरकार और समाज के अंतर्गत आ जाएगा, अन्यथा नही.
कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह कि स्वतंत्रता भारतीय संस्कृति के विरुद्ध होगी, हमारा मानना है कि यह व्यक्ति के ऊपर है कि वो किस संस्कृति को अपनाना चाहता है, इसको थोपा नही जाना चाहिए, सभी बिना ज़ोर और धोखे के हसीं-खुशी रहें इसमें ही समृद्धि है.
जागो पार्टी हिन्दी वेबसाइट टाईटल-बार (बीटा) JAGO PARTY HINDI WEBSITE (BETA)
13 December 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment